Description
भक्तामर स्तोत्र – चित्रित जैन स्तोत्र ग्रंथ (भक्ति और चमत्कारों का अद्भुत संगम)
भक्तामर स्तोत्र जैन धर्म का एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली स्तोत्र है, जो प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ (ऋषभदेव) की स्तुति में रचा गया है। इसके प्रत्येक श्लोक में भक्ति, सकारात्मकता और आध्यात्मिक ऊर्जा की झंकार है, जो पाठक को शांति, पवित्रता और समृद्धि की ओर ले जाती है।
✨ पुस्तक की विशेषताएँ
- पूर्ण चित्रित संस्करण – प्रत्येक पृष्ठ सुंदर, भक्ति से परिपूर्ण कलात्मक चित्रों से सुसज्जित।
- पूर्ण भक्तामर स्तोत्र – सटीक उच्चारण हेतु मूल संस्कृत पाठ सहित।
- अन्वयार्थ – भक्तामर के आध्यात्मिक स्वरूप और भावार्थ का सरल विवेचन।
- पद्यानुवाद – शब्दार्थ और काव्यात्मक अनुवाद द्वारा सहज समझ।
- अर्थ एवं अभिप्राय – प्रत्येक श्लोक के दार्शनिक एवं भक्ति तत्वों की गहराई से व्याख्या।
- पंचांग स्वरूप – ऋद्धि, मंत्र, यंत्र, एवं फलागम का समग्र विवरण।
- भक्तामर की प्रसिद्ध कथाएँ – प्रत्येक श्लोक के साथ प्रेरक वास्तविक कथाएँ, जिनमें बताया गया है कि कैसे श्रद्धालुओं ने उस श्लोक के पाठ से जीवन में चमत्कारिक लाभ पाए।
भक्तामर स्तोत्र का पाठ क्यों करें
भक्ति और श्रद्धा से भक्तामर स्तोत्र का पाठ करने से—
- बाधाएँ और नकारात्मकता दूर होती हैं
- शांति, सफलता और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होते हैं
- आध्यात्मिक एवं भौतिक इच्छाएँ पूर्ण होती हैं
- और आत्मा भगवान आदिनाथ की कृपा के अधिक निकट पहुँचती है।



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